Sunday, 10 July 2011

एक लक्ष्य जो अंततः मैंने पा ही लिया...(ईमेल में वेतन स्लिप)

इससे पहले कि मैं इस विषय पर कुछ भी लिखूं सर्वप्रथम मैं अनुभाग अधिकारी श्री राजेश कुमार सिंह रौशन के साथ साथ सूचना व संचार प्रोद्योगिकी इकाई (आई.सी.टी.- यू) के वैज्ञानिक प्रमुख श्री व्योमकेश दास और वैज्ञानिक श्री सुदीप कुंडू को व्यक्तिगत रूप से हार्दिक बधाई देता हूँ जिनके सहयोग से मैंने उस लक्ष्य को अंततः पा ही लिया जो मैंने इस प्रयोगशाला के स्थापना IV / बिल अनुभाग में कार्यभार ग्रहण करने के बाद निर्धारित किया था।

1 सितम्बर, 2008 को CMERI, Durgapur से ट्रान्सफर के बाद मैंने NML जमशेदपुर में अपना कार्यभार ग्रहण किया। उस समय मेरी तैनाती AO Office में हुई। 2 महीनों के बाद नवम्बर, 2008 में मेरी तैनाती इस प्रयोगशाला के बिल अनुभाग में कर दी गयी। बिल अनुभाग में मुझे इस प्रयोगशाला के ग्रुप डी स्टाफ और कैंटीन स्टाफ के वेतन बिल से सम्बंधित कार्य के अलावा ओवर टाइम पेमेंट से सम्बंधित कार्य सोंपा गया। अचानक कुछ ही महीनों के बाद अगस्त, 2009 में मुझे ग्रुप डी स्टाफ और कैंटीन स्टाफ के वेतन बिल के बदले इस प्रयोगशाला के सभी वैज्ञानिको, अनुभाग अधिकारीयों तथा तकनीकी अधिकारियों के वेतन बिल बनाने का काम सोंपा गया साथ ही साथ इस प्रयोगशाला के पूरे कर्मचारियों के आयकर (Income Tax) से सम्बंधित कार्य सौंपा गया। इसी समय से मुझे ये मालूम हुआ कि अधिकतर कार्मिक कई बार बिल अनुभाग आते थे और किसी विशेष माह के वेतन पर्ची को खो जाने की बात करते और उस माह के वेतन पर्ची को दुबारा प्रिंट करके देने की मांग करते ताकि वो अपने आयकर की गणना स्वयं कर सके। ये सबकुछ देखते हुए मेरे मन में ऐसा ख्याल आया क्यूं न सबों के वेतन स्लिप को उनके ईमेल में भेजने की कोशिश की जाय जिससे सबों के ईमेल में उनका वेतन स्लिप सुरक्षित रहे और वे जब चाहें जिस माह के वेतन स्लिप के प्रिंट कर लें। मैंने अपने इस ख़याल को एक लक्ष्य का रूप दे दिया और फिर सचमुच ही कमाल हो गया। जुलाई 2010 का वेतन स्लिप सभी ईमेल अकाउंट धारियों के ईमेल में पहुँच चूका है।

बहुत सारी सेट्टिंग की जाँच करने के बाद उसमें फेर बदल करके फिर उसके बाद वेतन स्लिप को एक सही फॉर्मेट प्रदान करके डाटा को उसमें फीड करना इसके साथ साथ जन्म तिथि, पैन नंबर, घर का पता आदि डाटा को अपडेट करना था। ये सारे होम वर्क मैंने विगत कई महीनों के दौरान किये और फिर मुझे इस प्रयोगशाला के सूचना व संचार प्रोद्योगिकी इकाई के वैगानिक प्रमुख श्री व्योमकेश दास और वैज्ञानिक श्री सुदीप कुंडू जी का सहयोग प्राप्त हुआ। इन दोनों ने कमाल की कोडिंग करते हुए html से pdf के बीच लिंक स्थापित कर दिया और फिर वो हो गया जिसकी कल्पना मैंने की थी। मेरे प्रत्येक कार्य में मुझे मेरे अनुभाग अधिकारी श्री राजेश कुमार सिंह रौशन जी का पूरा का पूरा साथ मिला और मुझे वो हर तरह से अपना दिशा निर्देश देते रहे।


बिल अनुभाग के डाटा और सर्वर के लिंक के बीच सम्बन्ध स्थापित करना और फिर उसे सभी लोगों के ईमेल में स्वतः भेजने के लिए कोडिंग करना ये सारा कुछ संभव हुआ वैज्ञानिक प्रमुख श्री व्योमकेश दास जी के अनुभवी दिशानिर्देश और उनके अधीनस्थ कार्य कर रहे वैज्ञानिक श्री सुदीप कुंडू जी के परिश्रम के कारन।


आज मैंने वो लक्ष्य आख़िरकार पा ही लिया जो मैंने अपने लिए कुछ महीने पूर्व ही निरधारित किया था। बहुत कुछ और भी करना है। हालाँकि मेरे कार्य को देखते हुए मेरा काम सिमित है मगर इसी सिमित दायरे में मैं काफी ऊँची उड़ान भरना चाहता हूँ। आशा है मेरी उच्च अधिकारीयों का साथ मुझे इसी तरह मिलता रहेगा।

Tuesday, 5 July 2011

Come and donate blood

All are requested to be a part of humanity.



Come donate blood and save a life at NML Auditorim on 6th July, 2011 during 09.30 a.m. to 03.30 p.m.